CG Godhan Nyay Yojana: गोधन न्याय योजना ऑनलाइन आवेदन, लाभ व पात्रता

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना (CG Godhan Nyay Yojana): छत्तीसगढ़ राज्य की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा (नदी), गरवा(गाय), घुरवा(अपशिष्ट संग्रहण करने की जगह) व बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने हरेली त्यौहार के दिन गोधन न्याय योजना को प्रारम्भ किया।इसका शुभारम्भ छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व हरेली 20 जुलाई 2020 को हुआ। इस योजना के ज़रिये छत्तीसगढ़ सरकार पशुपालकों व गायो के लिए कार्य कर रही है तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोधन न्याय योजना (CG Godhan Nyay Yojana) के बारे में बताते है। 

CG Godhan Nyay Yojna

इस कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे प्रदेश में गौठान स्थापित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना (CG Godhan Nyay Yojana) का प्रमुख उद्देश्य एकीकृत व्यवस्था के साथ सड़क पर घूमने वाले पशुओं पर नियंत्रण करना है| इस योजना के द्वारा खेत एवं बाड़ियों हेतु उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी| इसमें शहरी स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ करते हुये पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशुपालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान किया जायेगा। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु योजना में कार्यरत् गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु गोबर का क्रय और गोबर से निर्मित गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय तथा गौठान समिति को आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।

Table of Contents

गोधन न्याय योजना का उद्देश्य

केवल पशुपालन पर आश्रित किसानों की आय बहुत कम होती है जिसके कारण पशुपालक अपने पशुओं को अच्छा और चारा चारा नहीं खिला पाते हैं| कई किसान आर्थिक समस्याओं के कारण दूध न देने वाले पशुओं को खुला छोड़ देते हैं| इस कारण लोग कभी कभी लोग इन पशुओं की टक्कर से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं| खुले में घुमने वाले पशु जगह जगह गन्दगी भी फैलाते हैं| इन्ही समस्याओं को ख़त्म करने हेतु और निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने CG Godhan Nyay Yojana की शुरुवात की है|

  1. पशुपालकों की आय में वृद्धि
  2. पशुधन की खुली चराई पर रोक
  3. जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी
  4. खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा एवं द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार
  5. स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता
  6. लोकल स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर
  7. भूमि की उर्वरता में सुधार
  8. विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता एवं सुपोषण
  9. स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ करते हुये पर्यावरण का संरक्षण
  10. पशुपालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान

CG Godhan Nyay Yojana का कार्यक्षेत्र

आज शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गोवंश की समस्या सामान रूप दिख रही हैं| विशेषकर नर गोवंश को बहुत अधिक संख्या में खुला छोड़ दिया जाता है जिससे प्रायः लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं| छुट्टा जानवरों के कई स्थान पर गन्दगी भी फैलाती है| इसीलिए छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना कार्यक्रम को संपूर्ण प्रदेश में लागू किया गया है। आगामी वर्षों में नवीन गौठानों की स्थापना के साथ-साथ आवश्यकतानुसार योजना का विस्तार किया जाएगा।

गोधन न्याय योजना के फायदे

  • इससे स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी
  • गोमूत्र और की बिक्री से किसानों की आय में वृद्धि होगी
  • इस योजना से छुट्टा जानवरों की समस्या ख़त्म होगी
  • जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा जिससे रासायनिक खाद के प्रयोग में कमी आएगी
  • योजना के माध्यम से स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार के अवसर मिलेंगे
  • जैविक खाद के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार होगा
  • रासायनिक उर्वरकों से उपयोग में कमी से विषरहित एवं सुपोषण युक्त खाद्य पदार्थों के उपलब्धता सुनिश्चित होगी
  • छुट्टा जानवरों से रबी और खरीफ फसल की सुरक्षा होगी जिससे द्विफसलीय क्षेत्र बढेगा

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के उत्पाद (Products)

गोबर के संभावित मात्रा के अनुरूप, निकाय क्षेत्र में मिशन क्लीन सिटी योजना अंतर्गत निर्मित कम्पोस्ट शेड की क्षमता का आकलन संबंधित नगरीय निकाय द्वारा किया जायेगा। इस योजना द्वारा ख़रीदे गये गोबर से निकाय की स्थिति अनुरूप निम्नलिखित उत्पाद तैयार किया जायेगा।अन्य संबंधित उत्पाद तैयार करने हेतु छोटी-छोटी परियोजनाएं तैयार की जायेगी

  1. वर्मी कम्पोस्ट
  2. गार्डन पाऊडर
  3. गोबर की लकड़ी
  4. गोबर की धूपबत्ती
  5. गोबर का दीया
  6. बायोगैस
  7. नाडेप (National Agribusiness Development Programme) खाद
  8. बिजली
  9. Natural Fertilizer

CG Godhan Nyay Yojana द्वारा गोबर की खरीद

पशुपालक और किसान को गोबर बेंचने में कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने समुचित व्यवस्था की है| जिसके लिए सरकार विभिन्न क्षेत्रों में CG Godhan Nyay Yojana के तहत गोधन न्याय खरीद केंद्र की स्थापना करेगी| जिसका संचालन स्थानीय समितियों के द्वारा होगा| जहाँ पशुपालक गोबर का स्वैच्छिक रूप से विक्रय कर सकेंगे।गौठान में गाय और भैंस के पालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा

  1. गौठान समितियों द्वारा उसी पंचायत का गोबर क्रय किया जा सकेगा। इस हेतु गौठान समिति द्वारा समय-सारणी निर्धारित की जाएगी।
  2. पंजीकृत पशुपालकों द्वारा ही गोबर का विक्रय गोधन न्याय खरीदी केंद्र में किया जाएगा।
  3. पशुपालक को शासन द्वारा निर्धारित दर से परिवहन शुल्क का भुगतान किया जायेगा।
  4. शहरों में SLRM सेंटर, कम्पोस्ट शेड, गौठान में तराजू/फर्मा आदि की व्यवस्था के साथ गोधन न्याय खरीदी केंद्र बनाए जाएंगे।
  5. वर्तमान में शासन द्वारा गोबर का मूल्य रू. 2/कि.ग्रा. (परिवहन खर्च सहित) की दर निर्धारित की गई है।
  6. गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी|
  7. गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नहीं होना चाहिये।
  8. पशुपालक से गोबर ही लिया जायेगा, गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिए जाएंगे।
  9. बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से दिया जा सकता है, परंतु इसके लिये कोई भी राशि देय नहीं होगी।
  10. गौठान में पशुओं हेतु यथासंभव हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  11. ख़रीदे गए गोबर को संग्रहित कर गौठान में सामान्यतः अंदरूनी क्षेत्र में निर्मित CPT में रखा जाएगा
  12. जिसे 15 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा।
  13. गोबर के भार मापन हेतु कैलिबरेटेड फर्मा/तराजू का उपयोग किया जायेगा। 

खरीद की निगरानी

गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन हेतु स्व-सहायता समूह का चिन्हांकन/चयन किया जाएगा। यह कार्य कलेक्टर के नेतृत्व में होगा
ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की निगरानी में किया जाएगा| शहरी क्षेत्रों में आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरीय निकाय की निगरानी में किया जाएगा|

CG Godhan Nyay Yojana द्वारा गोमूत्र की खरीद

20 जुलाई 2022 को इस योजना की तीसरी वर्षगाँठ थी| इसीदिन छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने गोमूत्र के भी खरीद की घोषणा की| माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी पहले गोमूत्र विक्रेता बने। मुख्यमंत्री जी ने रायपुर में 5 लीटर गोमूत्र निधि स्वयं सहायता समूह चंदखुरी को बेचा। 

  1. छत्तीसगढ़ सरकार 4 रूपया प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद करेगी। 
  2. गोमूत्र से जीवामृत, कीटनाशक तथा उर्वरक जैसे उत्पादों का निर्माण किया जायेगा। 
  3. छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक जिलों के गौठानों गोमूत्र की खरीद की जाएगी।
  4. गोमूत्र की गुणवत्ता का परीक्षण यूरोमीटर, डिप्स्तिक तकनीकी से किया जायेगा।

CG Godhan Nyay Yojana द्वारा भुगतान की प्रकिया

योजना के शुरुवात में ख़रीदे गए गोबर और गोमूत्र की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिवस में गौठान समिति द्वारा पशुपालकों को देने की व्यवस्था थी। बाद में इस व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया गया है| अब पशुपालकों के बैंक खाते में सीधे राशि ट्रान्सफर करने की व्यवस्था कर दी गई है| जिससे योजना में सुचिता और पर्दार्शिता बने है| और पशुपालक को भुगतान पाने के लिए किसी पर निर्भर न पड़े|

ऋण (Loan)

प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति एवं लैम्पस के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन फसल ऋण दिया जायेगा। ऋणमान (scale of finance) में वर्मी कम्पोस्ट अनिवार्यतः शामिल कर आदान सामग्री के रूप में वितरित किया जाएगा। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण बैंक/सहकारी समिति द्वारा वस्तु ऋण के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।

CG Godhan Nyay Yojana हेतु प्रशिक्षण

  1. कलेक्टर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी।
  2. वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिये चिन्हांकित स्व-सहायता समूह को प्रथम चक्र में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
  3. द्वितीय चरण में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा
  4. ऐसे विकासखण्ड जहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन नहीं हैं, जनपद पंचायत के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  5. समस्त गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
  6. समय से प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कराने का दायित्व कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत का होगा
  7. इसके अतिरिक्त उप संचालक कृषि, उप संचालक पशु चिकित्सा को भी प्रशिक्षण पूर्ण कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
  8. शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्य राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के अंतर्गत संपादित की जाएगी।

वर्मी कम्पोस्ट बनाने हेतु टांका (Storage टैंक) का निर्माण

  • प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जायेगा | वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम कराया जायेगा।जिसमे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की मदद लिया जायेगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबधित नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा।
  • वर्मी टांका 3.6mX1.5mx0.75m साईज का बनेगा।इसका आकार मनरेगा प्राक्कलन के अनुसार एवं पशुओं से प्राप्त हो रहे गोबर की मात्रा की आवश्यकतानुसार किया जायेगा।
  •  जिलेवार भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये वर्मी टांका निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बनाया जायेगा, ताकि केंचुआ की जीवितता प्रभावित न हो, साथ ही वर्मी वॉश इत्यादि का एकत्रीकरण हो सके।

 गौठान में गोबर प्रसंस्करण (Processing)

  • स्व-सहायता समूह द्वारा गौठान में संग्रहित/एकत्रित गोबर से प्राथमिक रूप से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा | स्थानीय मांग एवं आवश्यकतानुसार अन्य उत्पाद भी तैयार किये जा सकेंगे।
  • उप संचालक कृषि अथवा मैदानी अमलों के निगरानी में तकनीकी मापदण्ड अनुसार चयनित स्व सहायता समूह के द्वारा गोबर, केंचुआ एवं जैविक अवशेष आदि की वर्मी टांका में भराई की जाएगी।
  • वर्मी टांका में 15-20 दिन का अपघटित गोबर का ही उपयोग किया जायेगा, ताकि गोबर से उत्पन्न होने वाली उष्मा एवं मिथेन गैस से केंचुआ पर विपरीत प्रभाव न पड़े।

CG Godhan Nyay Yojana द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग (Packaging)

  1. वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने के बाद वर्मी कम्पोस्ट एवं केंचुआ को अलग-अलग करने हेतु छलनी का प्रयोग किया जायेगा।
  2. पैकिंग के पूर्व प्रत्येक चक्र में कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षण द्वारा प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु नमूना लिया जाएगा।
  3. गुणवत्ता परीक्षण एवं पैकेजिंग इत्यादि कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कृषि विभाग की देख-रेख में स्व-सहायता समूह द्वारा कराया जाएगा।
  4. उत्पाद की आकर्षक पैकेजिंग का कार्य स्व-सहायता समूह द्वारा कलेक्टर द्वारा नामित नोडल अधिकारी के पर्यवेक्षण में किया जावेगा।
  5. पैकिंग उपरांत वर्मी कम्पोस्ट का सुरक्षित भण्डारण स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाएगा।
  6. पैकेजिंग हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं (बैग, बैग प्रिटिंग, weighing machine आदि) गौठान समिति की प्राप्तियां, चक्रीय निधि से किया जायेगा।
  7. परीक्षण रिपोर्ट के सफल/मानक स्तर का होने पर 2KG, 5KG एवं 30KG के पॉली बैग में पैकिंग होगी।
  8. पैकिंग स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाएगा।
  9. स्व-सहायता समूह को पैकिंग बैग में उत्पाद का विवरण प्रिंटिंग कराना होगा। जिसका विवरण इस प्रकार होगा।
CG Godhan Nyay Yojna

वर्मी कम्पोस्ट का विपणन (Sales)

  • वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा। वर्तमान में यह दर रू. 8.00 प्रति कि.ग्रा. निर्धारित की गई है। विक्रय हेतु कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • किसानों को गौठानों से वर्मी कम्पोस्ट का सीधा विक्रय नहीं किया जाएगा।
  • उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
  • वन विभाग/कृषि विकास एवं किसान कल्याण द्वारा अतिरिक्त वर्मीकम्पोस्ट की मात्रा का क्रय गौठानों से किया जायेगा|
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग/ नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा भी अतिरिक्त वर्मीकम्पोस्ट की मात्रा का क्रय गौठानों से किया जायेगा|
  • ग्रामोद्योग (रेशम) विभाग द्वारा वर्मीकम्पोस्ट का क्रय गौठानों से किया जायेगा
  • किसी भी विभाग द्वारा टेण्डर से वर्मीकम्पोस्ट का क्रय नहीं किया जाएगा।

योजना क्रियान्वयन का दायित्व (Plan Implementation Responsibility)

राज्य एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा नियमित रूप से CG Godhan Nyay Yojana का नियमित अनुश्रवण (Monitiring) किया जायेगा| राज्य स्तरीय समिति योजना को बेहतर बनाने के लिए फील्ड के अनुभव और सुझावों को मंत्रीमंडलीय समिति को भेजेगी| मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन के अध्यक्षता में 8 सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है| योजना के क्रियान्वन के लिए 9 सदस्यीय जिला स्तरीय समिति का गठन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में किया गया है|

ग्रामीण क्षेत्र (Rural Area)

  • योजना की विभिन्न गतिविधियों का निर्धारित समयावधि में संपादन कराने का संपूयोजर्ण दायित्व जिला कलेक्टर का होगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण का कार्य जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा होगा
  • विकासखण्ड स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा किया जाएगा |

शहरी क्षेत्र (Urban Area)

शहरी क्षेत्रों में यह दायित्व आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकाय का होगा। शहरी क्षेत्रों में गोधन न्याय योजना का प्रमुख उद्देश्य सड़क में घूमने वाले पशुओं का नियंत्रण है। खेत एवं बाड़ियों हेतु उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता, शहरी स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ बनाना है। पर्यावरण संरक्षण के साथ पशुपालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होनेवाली बीमारियों से बचाव का वैज्ञानिक निपटान किया जाना है।

पंजीकरण (Registration)

पशुपालक से निर्धारित प्रारूप में आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे| इस आवेदन फॉर्म में पशुपालक का नाम, पशुओ की संख्या, संभावित उपलब्ध गोबर मात्र आदि का विवरण भरकर जमा करना होगा| इसके बाद प्रभारी द्वारा स्थलीय निरीक्षण के बाद ही पशुपालक पंजीकरण किया जायेगा| वर्तमान में 166 नगरीय निकायों मे एस एल आर एम 357 इकाई एवं कम्पोस्ट शेड 165 इकाई अर्थात कुल 522 इकाई कार्यरत है। इनमे लगभग 9000 स्व-सहायता समूह की महिलाएं पंजीकृत हैं|

गोबर विक्रेता पशुपालक का पंजीयन (Registration)

गोबर-क्रय-पत्रक
  1. पशुपालक को निकाय स्तर पर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
  2. पशुपालक के आवेदन जमा करने हेतु वार्ड कार्यालय, SLRM सेंटर, कम्पोस्ट शेड, गौठान आदि में काउंटर बनाए जाएंगे।
  3. समूह एवं योजना के वार्ड प्रभारी द्वारा आवेदक का भौतिक सत्यापन किया जायेगा।
  4. सत्यापन के बाद पशुपालक को गोधन न्याय योजना का कार्ड दिया जाएगा।
  5. यथासंभव स्वयं सेवी संस्थान अन्य संस्थानों के सहयोग से सर्वे उपरांत प्रत्येक पशुओ के गले में पट्टिका (TAG) लगायेंगे।
  6. टैग में पशुमालिक का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज होगा।
  7. खुले में पशु घूमते पाये जाने पर टैग द्वारा पशुपालक की जिम्मेदारी तय की जा सकेंगी।

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

CG Godhan Nyay Yojana की जानकारी और अपनी समिति द्वारा ख़रीदे गए गोबर/गोमूत्र की जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध है| इसके लिए छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना की ऑफिसियल वेबसाइट www.godhannyay.cgstate.gov.in पर जाना होगा| सूच्य है कि जब तक पशुपालक ऑफलाइन माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा लेता है| जिससे की उसका मोबाइल नंबर सिस्टम के डाटा बेस में रजिस्टर हो जाए तब तक ऑनलाइन लॉग इन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायेगी|

  • वेबसाइट ओपन होने पर रोल चुने के आप्शन में सहकारी समिति चुने
  • फिर अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें
  • आगे बढ़े पर क्लिक करें

आप Godhan Nyay Yojana गोधन न्याय योजना एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करके भी एप पर रजिस्टर कर सकते हैं

स्व-सहायता समूह का पंजीकरण और प्रबंधन

समूह का पंजीयन नगरीय निकायों द्वारा सिटी लेवल फेडरेशन, एरिया लेवल फेडरेशन और स्व-सहायता समूह हेतु प्रकाशित नियम के तहत् किया जायेगा। स्व-सहायता समूह का प्रशिक्षण, वर्मी कम्पोस्टिंग हेतु केंचुआ की व्यवस्था आदि का कार्य नगरीय निकायों द्वारा कृषि विभाग से समन्वय उपरांत किया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्र में चरवाहा स्व-सहायता समूह के अभिन्न अंग होगे।

CG Godhan Nyay Yojana समूह का प्रशिक्षण

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से समूह का गौठान प्रबंधन और कम्पोस्ट निर्माण विषयो में कृषि विभाग के द्वारा उपलब्ध अध्ययन सामग्री के समावेश से किया जाएगा | निकाय में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कार्यरत विशेषज्ञ को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कराया जाएगा।

गोधन न्याय योजना (CG Godhan Nyay Yojana) हेतु पात्रता

  • गोधन न्याय योजना की किसी भी प्रकिया में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाएगा।
  • आवेदक छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए
  • किसानो और पशुपालकों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा

CG Godhan Nyay Yojana हेतु आवश्यक दस्तावेज (Documents)

  • निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • पशु सम्बंधित जानकारी

शिकायत निवारण प्रणाली और टोल फ्री नंबर:

गोबर के क्रय में प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु ३ स्तर की कमेटी बनाई जाएगी। जिसे समूह स्तर, वार्ड प्रभारी स्तर एवं विशेषज्ञ स्तरीय फील्ड कमेटी कहा जायेगा। अपील हेतु आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन प्रस्तावित है। इसके साथ टोल फ्री नंबर 1100 पर भी शिकायतों का निराकरण किया जाएगा।

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